जय श्री राधे🙏

आज कल ऐसा क्यों होता?
लोग दूसरे के बारे जो बोलते वो उनपे आता तो उनका नज़रिया बदल क्यों जाता?
ऐसा बहुत जगहों पे होता क्रिन्तु मैं अभी खास तौर पे बात कर रहा लड़कियों के पहनावे को लेकर जो सोच आहकल के लोगो का नज़रिया हैं उस पे।

आजकल बोला जाता कि उनके कपड़े ही उनके रहेन सहन को दर्षाता हैं । क्या ये सही है? जब एक लड़की का बलात्कार होता तब बहुत से एक्टिविस्ट आकर बोकर जाते की उनके कपड़ो की गलती हैं। पर जब ये साल भर की बच्ची या साठ साल की महिला के साथ होता तो भी एक ही बात होती?

जो लड़के असल मैं उस तरह के होते है वो पुराने तरह के पहनावे वाली लड़की को भी उस तरीके से देखते है जैसे वेस्टर्न कपड़े पहनें लड़की को देखते। वो बोलते उनका ये दिख रहा था या वो। उनका ध्यान उस जगह ही क्यों जाता? इस पे सवाल क्यों नहीं होता? पुराने कपड़े पहनो या वेस्टर्न तरह के सब मैं आपका चहेरा तो दिखता ही हैं पर वहाँ नज़र क्यों नहीं जाता?

इस पोस्ट मैं खाली सवाल ही भरे पड़े हैं । पर इन सबपे ध्यान देना हम सभी का काम हैं। जैसा हम आज कर रहे वैसा आने वाले टाइम मैं हमारे साथ भी होसकता हैं। अगर आज आप किसी को गलत निगह से देख रहे तो आप ये सोचो जब आपके बच्चे होंगे तो उनके साथ भी ऐसा होगा। इसलिए जितना जल्दी आप हम सब समझ जाएं और खुद के साथ अपने आसपास के लोगो को भी सुधारने का प्रयास करे इससे आने वाला कल हम सबके लिए एक अच्छा कल होगा।
धन्यवाद!

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