जय श्री राधे🙏



हन तो आपलोगो ने आज का टाइटल तो पढ़ ही लिया हैं जिस से आप समझ ही गये होंगे कि आज का ये पोस्ट किस विषय पे हैं।

ज्यादा तर लोगोने अपने जीवन काल मैं कभी ना कभी किसी ना किसी की मदद जरूर ही कि होंगी।

आप किसी की मदद बिना स्वार्थ के करते अस्ली मायने मैं ये ही मदद होती परंतु बहुत से लोग आपको अपने बुरे वक्त मैं बहुत कुछ ऐसा ऐसा शब्द बोलके मदद के लिए मजबूर कर देते होंगे। जब उनका काम होजाता तो वो आपको ही भूल जाते और ये सोच कर आप निराश होजाते हो। ये सही है क्या?

मदद निस्वार्थ भाव से किया जाता है आपने मदद किया ये बहुत अच्छी बात हैं । अब सामने वाला बदल जाए या फिर आपको भूल जाए तो आपको निराश नहीं होना चाहिए। लोग भूल सकते लेकिन ईस्वर कुछ भी नहीं भूलते। आप बस सच्चे मन से निस्वार्थ भाव से मदद करो आपके साथ आज ना कल अच्छा होगा ही।

कर्म करो फ़ल की चिंता मत करो !!!!

ये हम सबने सुना होगा। लेकिन जीवन के दौर मैं हम भूल जाते है कि इन्सानियत नाम की भी कुछ चीज़ें होती। जैसे आपने किसी की मदद की हैं वैसे ही जब आपको जरूरत पड़ेगी तो कोई ना कोई आपकी मदद जरूर करेगा । निराश होना छोर कर बस आप अच्छे कर्म करे बाकी आपके साथ जो होगा अच्छा ही होगा क्योंकि जो होता अच्छे के लिए ही होता।

संसार लेन देन पे चलता आज आपके पास जो है अगर उस की जरूरत किसी को है तो आपने उसे दे दिया ये हुआ देना और सामने वाले ने ले लिया ये हुआ लेना लेकिन जब सामने वाले की जरूरत जब आपको पड़ी और उस ने आपकी मदद नही की जो उसके पास है और आपको जरूरत तब भी नही दिया तो इस से उसकी परविर्ती का पता चल जाता।

अतः जीवन मैं अगर आप किसी के काम आरहे हो तक निस्वार्थ भाव से आपको उसकी मदद करनी चाहिये बाकी आप भूल जाइए की आपने उसकी मदद की है तो वो भी आपकी मदद करेगा क्योंकि अगर वो आपके बुरे वक़्त मैं मदद नही करता तो आप निराश होजाओगे। मदद कभी भी मतलब के करण मत करना ❤️। बाकी भगवान का नाम लेते रहें वो हमारा साथ हमेशा देंगे।

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